*एनसीएल के आवासीय परिसर में क्यों बढ़ रहे हैं। कोरोनावायरस के मामले क्या एनसीएल के आवासीय परिसर में फूटेगा कोरोना का बम।*



Credit by-vinod kumar singh
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*एनसीएल के आवासीय परिसर में क्यों बढ़ रहे हैं। कोरोनावायरस के मामले क्या एनसीएल के आवासीय परिसर में फूटेगा कोरोना का बम।*

*भारत की आवाज़*

*जनता की आवाज़ सरकार तक।*


*आइए चलते हैं खबरों की ओर और आपको बताते हैं। एन.सी.एल कॉलोनी में बढ़ रहे कोरोनावायरस पूरा सच।*

*जानिए क्या है पूरा मामला देखिए पूरी खबर।*

एनसीएल के सभी परियोजनाओं में अचानक हुई कोरोना मरीजों के वृद्धि को देखते हुए भारत की आवाज़ टीम ने सभी परियोजनाओं का दौरा किया एवं स्थानीय लोगों से बात-चीत करके जानना चाहा तो कर्मचारियों के द्वारा यह बात निकलकर सामने आई थी की 25 मई के बाद से होम कोरेंटिन हो रहे कर्मचारियों को विशेष अवकाश नहीं मिल रहा है एवं जिन कर्मचारियों के पास खुद का अवकाश नहीं है उन्हें अवैतनिक अवकाश मिलने के कारण उनके समक्ष भरण पोषण की समस्या उत्पन्न हो रही है।

अवैतनिक अवकाश से बचने के लिए कर्मचारीगण बाहर से आने के बाद बाहर से आने की बात छुपा कर अपने कार्यस्थल पर उपस्थित होकर कार्य कर रहे हैं।

*भारत की आवाज का एक सुझाव*

*एनसीएल प्रबंधन को...*

*यदि एनसीएल प्रबंधन होम कोरेंटिन में चल रहे कर्मचारियों का भुगतान करना प्रारंभ कर दे तो कोरोना महामारी को फैलने से कोलियरी क्षेत्र में रोका जा सकता हैं।*


*जिले के मुखिया को इस पर पहल करने की जरूरत है।*

*विशेष सूत्रों के हवाले से जानकारी मिली जयंत में जो पहला कोरोना पॉजिटिव व्यक्ति पाया गया था वह कहीं बाहर से आया था।*

बाहर से आने के बाद वह व्यक्ति ड्यूटी करने लगा उसके बाद वह जिसके साथ रहा उसका भी पॉजिटिव निकल गया एनसीएल प्रबंधन की तानाशाही के नतीजा के कारण ऐसा हो रहा है।

25 मई तक एनसीएल प्रबंधन होम कोरेंटिन के कर्मचारियों का वेतन देता था जिसे प्रबंधन ने जून माह से देना बंद कर दिया।

जिसके चलते कर्मचारी अधिकारी बाहर से आने के बाद चुपचाप ड्यूटी करने लगते हैं। बिना किसी को जानकारी दिए कि वह बाहर से आए हैं। क्योंकि बहुत से कर्मचारियों के पास छुट्टी नहीं बचा हुआ है उन्हें जो छुट्टियां मिलती है पूरे साल की वह छुट्टी वह खत्म कर चुके हैं इसलिए उनका आधा वेतन कोरोना के नाम पर काट लिया जा रहा है एनसीएल प्रबंधन के द्वारा इसलिए कर्मचारी बाहर से आने के बाद अपनी जानकारी किसी को देना नहीं चाहते हैं क्योंकि उनका आधा तनख्वाह काट लिया जा रहा है। कहीं ना कहीं इस छोटी सी गलती के कारण आज बड़ी वजह बन सकती हैं।

*कोल इंडिया के साथ-साथ कलेक्टर महोदय सिंगरौली ने भी संज्ञान में लिया था।*

*सूत्रों ने बताया है कि कलेक्टर महोदय ने एनसीएल प्रबंधन को निर्देश दिया था कि जो एनसीएल कर्मी व्यक्ति कोरेंटिन में चल रहे हैं उनका वेतन दिया जाए।*

*कलेक्टर के निर्देश के बावजूद एनसीएल प्रबंधन क्वॉरेंटाइन कर्मचारियों का वेतन नहीं दे रहा है।*

अब जब धीरे-धीरे जयंत परियोजना के आवासीय परिसर में कोरोना का बम फटने को तैयारी में है। जितने ज्यादा कर्मी कोरोनावायरस पाए जाएंगे उससे कहीं ज्यादा अब नुकसान एनसीएल को भी होगा जितने ज्यादा कर्मचारी होम कोरेंटिन होंगे उतना ही ज्यादा कोयला उत्पादन प्रभावित होगा।

*सवाल वही आखिर क्यों?*

एनसीएल प्रबंधन आखिर क्यों होम कोरेंटिन कर्मचारियों का वेतन नहीं दे रहा वजह क्या जबकि सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार वेतन नहीं देने का आदेश ऊपर से नहीं आया है यह एनसीएल प्रबंधन अपने तानाशाह रवैया के कारण ऐसा कर रहा है जिसका अब कोयला उत्पादन पर भी दिखेगा असर।

जिसके जिम्मेदार एनसीएल प्रबंधन है। जिसका प्रबंधन को कोई चिंता नहीं।

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