जादू टोने के शक में हुई थी अधेड़ की हत्या

            Credit by ravikant panika

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*जादू टोने के शक में हुई थी अधेड़ की हत्या* 

*बरगवां पुलिस ने दोनों आरोपियों को किया गिरफ्तार*

भारत की आवाज़

रविकांत पनिका

एक बार फिर जादू टोने के शक में एक अधेड़ आदमी को अपनी जान गंवानी पड़ी। गांव के ही लोगों ने जादू टोने के शक में उसकी हत्या कर दी थी।


बरगवां पुलिस ने आज इस मामले में खुलासा करते हुए दो आरोपियों को गिरफ्तार कर न्यायालय में पेश किया है।


प्राप्त जानकारी के अनुसार बीते शनिवार दोपहर बरगवां थाना क्षेत्र के जंगल में एक अधेड़ का शव मिला था, जिसकी पहचान बंधा निवासी मेहीलाल के तौर पर की गई थी। 


मजदूरी कर पेट पालने वाला मेहीलाल सुबह से ही पशुओं को चराने के लिए जंगल निकल जाता था। रोज़ की तरह जब शनिवार को दोपहर बाद भी महिलाल पशुओं को चलाकर घर नहीं लौटा तो उसके लड़कों ने उसकी खोजबीन शुरू की। जहां जंगल में उन्हें खून से लथपथ मेहीलाल का शव मिला, जिसके सर पर टांगी से कई वार किए गए थे। आनन-फानन में इसकी सूचना पुलिस को दी गई।


  अंधी हत्या के इस मामले में बरगवां थाना प्रभारी निरीक्षक नागेंद्र प्रताप सिंह ने पुलिस अधीक्षक वीरेंद्र कुमार सिंह के निर्देशन व अनुविभागीय अधिकारी राजीव पाठक के मार्गदर्शन में टीम गठित कर आरोपियों की तलाश शुरू कर दी थी। मामले की पड़ताल में लगी पुलिस को मुखबिर की सूचना पर शक के आधार पर बंधा के ही निवासी संतकुमार गुर्जर एवं भोला प्रसाद शर्मा को हिरासत में लेकर सख्ती से पूछताछ की गई जिसमें उन्होंने अपना जुर्म कबूल लिया। 


आरोपियों ने बताया कि उन्हें शक था कि मेहीलाल जादू टोना किया करता था, जिस कारण उन्होंने उसे अकेला पाकर टांगी से हमला कर दिया और उसकी मौत हो गई।


*टांगी से लिया गया उसकी जान।* 


पुलिस ने आरोपियों की निशानदेही पर हत्या में प्रयोग किया गया टांगी भी बरामद कर लिया और आरोपी संतकुमार गुर्जर व भोला प्रसाद शर्मा को अपराध क्रमांक 313/20 की धारा 302 के तहत गिरफ्तार कर न्यायालय में पेश किया, जहां से उन्हें जेल भेज दिया गया है। 


*इस कार्रवाई में यह रहे शामिल।*


उक्त कार्यवाही में निरीक्षक नागेंद्र प्रताप सिंह के साथ उपनिरीक्षक आर एस सोनकर, सहायक उपनिरीक्षक सुरेंद्र यादव, प्रधान आरक्षक उमेश अग्निहोत्री, सुजीत सिंह, राजकुमार तिवारी, जितेंद्र उइके, आरक्षक विवेक सिंह, नरेंद्र यादव, अमित जायसवाल व महिला आरक्षक प्रियंका गुप्ता का सराहनीय योगदान रहा।

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