*एक चाची ऐसी भी।*
भारत की आवाज़
विनोद सिंह
सी.डब्ल्यू.एस कालोनी निवासी रिटायर एन.सी.एल कर्मी श्री ज्ञानेंद्र सिंह एंव उनकी पत्नी श्रीमती कुंता ज्ञानेंद्र सिंह के बारे हम बात करेंगे।
ज्ञानेंद्र सिंह जी और कुंता सिंह आप दोनों बहुत ही लोकप्रिय हमेशा गरीबों के मदद के लिए तैयार रहने वाले मिलनसार व्यक्तित्व के धनी ऐसे व्यक्ति हैं आप दोनों यह बात कई साल पहले की है जो हम शेयर करने जा रहे हैं।
एन.सी.एल मे नौकरी के दौरान इन्होंने कुछ युवाओं को राजनीति के क्षेत्र में लाए जनता के सामने आपको कैसे बातचीत करना है। यह भी आप दोनों के द्वारा उन युवाओं को सिखाया गया रात रात भर उन्हें भाषण देने की कला बताया करते थे।
जब कुछ समय के बाद वह व्यक्ति जनप्रतिनिधि बना तो उसने आप दोनों लोगों से धीरे-धीरे कटना शुरू कर दिया।
ज्ञानेंद्र सिंह और कुंता सिंह को रुपये पैसे की लालच नहीं रही उन्हें केवल सम्मान चाहिए और कुछ भी नहीं।
लेकिन कहते न की जिसे आप आगे बढ़ा रहे हैं।तो वह एक दिन आपको ही भुल जाएगा यह सच्चाई है हम जिसे आगे बढ़ा दे वह एक न एक दिन आपको दूखी और तकलीफ जरूर कर देगा।
यही हुआ ज्ञानेंद्र सिंह जी और कुंता सिंह जी के साथ में भी। इन्होंने जिसे क्षेत्रीय जनप्रतिनिधि बनाया था उसने इनके मान सम्मान को बहुत ठेस पहुचाया आप दोनों शायद ही उस वक्त को भुल पाए।
लेकिन पूराने लोगों ने एक बात सही कहा था दिल निकली दुआ और बहते हुए आशूओं से निकली बददुआ कभी खाली नहीं जाती है ।
ज्ञानेंद्र जी और कुंता जी के तैयार किये हुए जनप्रतिनिधि के पास आज के व्क्त कुछ भी नहीं बचा है अब तो उसे केवल अपने सत्ता की कुर्सी बचाना भी भारी पड़ रहा है।
ज्ञानेंद्र सिंह और कुंता सिंह हमारे सगे चाचा और चाची तो नहीं फिर भी मेरे लिए हर वक्त खड़े रहे। मुझे जहां पर भी जरूरत हुई आप हमेशा मौजूद रहे बिना किसी भी लालच के मैं आपको दे भी क्या सकता हूं। आपको देने की हमारी इतनी औकात नहीं है।
आप दोनों ने हमारे साथ में एक सगें चाचा चाची का फर्ज निभाया है। शुक्रिया आप दोनों को
फिर भी हम आपसे वादा करते हैं कि हम आपके लिए आपके साथ में हमेशा खड़े रहेंगे।
धन्यवाद
विनोद कुमार सिंह
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