*जिले के प्रतिष्ठित समाजसेवी व व्यवसाई रामनिवास अग्रवाल के निधन से जिले में शोक की लहर।*
*कई महीनों से चल रहे थे बीमार।*
*विमल कुमार कुशवाहा// रविकांत पनिका//*
*सिंगरौली :- बरगवां* जिले के बरगवां में लंबे अरसे से जरूरतमंद लोगों के समाज सेवा में लगे रहने वाले लोगों के दिलों पर राज करने वाले ऐसे प्रतिष्ठित व्यवसाई रामनिवास अग्रवाल के निधन पर जिले के लोगों की आंखें नम हो गई।
*लोगों के दिलों पर करते थे राज ऐसे थे रामनिवास अग्रवाल।*
अमीर क्या गरीब क्या गरीबों के लिए हमेशा खड़े रहने वाले व्यक्तियों में गिने जाते थे रामनिवास अग्रवाल कोई भी जरूरतमंद अगर रामनिवास अग्रवाल के पास पहुंच गया तो उसका काम अवश्य पूरा होता था।
रामनिवास अग्रवाल का रविवार की सुबह निधन हो गया वह लंबे समय से बीमार चल रहे थे और पिछले कुछ दिनों से वेंटिलेटर पर थे सुबह लगभग 10:30 बजे उन्होंने अंतिम सांस ली 79 वर्षीय रामनिवास अग्रवाल के निधन की सूचना मिलते ही जिले भर के लोगों ने समाजसेवी रामनिवास अग्रवाल के प्रति गहरी शोक संवेदनाएं व्यक्त की
सभी राजनीतिक दलों के पदाधिकारी कार्यकर्ता उनके बरगवां आवास में पहुंचने लगे लंबे अरसे से वह राजनीति में सक्रिय रहे और कई पार्टियों में अपना महत्वपूर्ण योगदान दिया लेकिन कभी भी पद लेने या चुनाव लड़ने की इच्छा नहीं रखी उन्हें किसी भी पद का कभी लालच नहीं रहा वह केवल जरूरतमंदों के लिए जीना चाहते थे राजनीतिक में उन्हें कभी किसी चीज का लालच नहीं रहा।
साथी एक अच्छे व्यवसाई के रूप में भी जाने जाते रहे।
श्री रामनिवास अग्रवाल के निधन पर सैकड़ों लोग उनके अंतिम संस्कार में शामिल होने बरगवां शॉ मिल पहुंचे जहां दोपहर लगभग 3:30 बजे उनका अंतिम संस्कार किया गया अंतिम संस्कार छोटे पुत्र विकास अग्रवाल ने उन्हें मुखाग्नि दी उपस्थित जन समुदाय ने नम आंखों से उन्हें अंतिम विदाई दी कई राजनीतिक दलों में अपनी छाप छोड़ने वाले श्री अग्रवाल के निधन पर लोग राजनीति से हटकर उन्हें श्रद्धांजलि देने पहुंचे जिलेभर में श्री अग्रवाल के निधन को लेकर लोगों ने शोक संवेदनाएं व्यक्त कीं।
*श्री अग्रवाल जी के दिखाए रास्ते पर चल रही हैं। उनकी बहु रानी अग्रवाल।*
समाज सेवा क्षेत्र में रानी अग्रवाल जी हमेशा आगे रही हैं उनके पति प्रेम अग्रवाल भी समाज सेवा के क्षेत्र में जाने जाते हैं, प्रेम अग्रवाल और रानी अग्रवाल को भी राजनीतिक का कोई लालच नहीं रहा है। ना तो है ना और ना रहा है वह केवल समाज सेवा करना चाहते हैं।
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