छठ के रंग में रंगी उर्जाधानी,व्रतियों ने डूबते सूर्य को दिया अर्ध्य मांगा छठी माई से पुत्रों के लिए मंगल कामना


छठ के रंग में रंगी उर्जाधानी,व्रतियों ने डूबते सूर्य को दिया अर्ध्य  मांगा छठी माई से पुत्रों के लिए मंगल कामना


*भारत की आवाज़ वेब न्यूज़।*


*विमल कुमार कुशवाहा*



।।सिंगरौली।।सूर्य उपासना का प्रतीक छठ पर्व का तीसरे दिन पूरे सिंगरौली में बड़े ही धूमधाम से मनाया गया। हालांकि इस बार लोगों ने कोरोना को ध्यान में रखते हुए इस पर्व को बेहद सावधानी के बीच मनाया है। पूरे ऊर्जा नगरी में छठ की अदभुत छटा देखी गयी। विंध्य नगर, बैढन ,मोरवा निगाही ,बरगवां, जयंत, दुधिचुआ, सहित आसपास के ग्रामीण क्षेत्रों में भी छठ  की बेमिसाल छटा देखने को मिली यहां के सभी घाट छठ के रंग में रंगे दिखे।छठ व्रती महिलाओं ने डूबते सूर्य को अर्ध्य दिया और विधि विधान से पूजा कर छठी मैया से अपनी मनोकामना पूरी करने का आशीर्वाद मांगा।



इस अवसर पर चारों ओर पहले पहिल छठी मैया-----, सुन लेहु अरज हमार हे छठी मैया-----,सेइ ले चरण तोहार ए छठी मैया, कांच ही बांस के बहंगिया, बहंगी लचकति--- जैसे पारंपरिक गीत गूंजते रहे हर घाट पर चाहे वह बैढ़न का गनियारी ,निगाही,नौगढ़ का अरविंद ईश्वर मंदिर घाट बैढ़न के बड़ा तालाब रोड घाट , मोरवा  फिर अन्य जगहों के घाट हो सभी जगह उत्सव और आस्था का माहौल दिखाई दिया शुक्रवार को  डूबते सूरज को अर्ध्य देकर महिलाओं ने अपने परिवार पुत्र की लंबी आयु हेतु सूर्य भगवान से मनोकामना की याचना की।


शानिवार को अल सुबह उगते सूरज को अर्ध्य देकर व्रत का पारण होगा पूरी सिंगरौली में जगह-जगह छठ पूजा का आयोजन किया गया पूजा स्थल को आकर्षक ढंग से सजाया गया था सुबह से ही घरों और घाट स्थलों पर अर्ध्य की तैयारियां चल रही थी मौसमी फल और सब्जियों की खरीदारी को बाजार में बड़ी संख्या में लोगों की भीड़ उमड़ी सूर्य भगवान को अर्घ्य देने के लिए बांस के सूप में व्रतियों ने फल व सब्जियों को सजाया और पूरे प्रसाद को टोकरी में रख छठ पूजा के लिए घाटों पर पहुंचे।इस अवसर पर व्रतियों ने छठ पूजा का महाप्रसाद ठेकुआ को भी अपनी सुप में सजाया था।हालांकि पूरे दिन सूर्य भगवान  बादलों के बीच लुकाछिपी का खेल खेलते इस दिन दिखाई दिए।


*व्रतियों ने की परिवार की सुख और समृद्धि की कामना*


ऊर्जा नगरी में सभी छठ घाटों के घाट पर छठी मैया के गीतों से वातावरण गुंजायमान रहा छठ पर्व के तीसरे दिन सभी घाट के दोनों तरफ सूर्य की उपासना की भीड़ उमड़ पड़ी और उनके परिवार के सदस्यों ने घाट के किनारे बनाई गई बेदी पर उपासना की जिसके बाद अस्त होते सूर्य को अर्ध्य देने के साथ ही छठी मैया की पूजा अर्चना की गई परंपरा अनुसार व्रतियों ने उपवास रख मुख्य पकवान ठेकुआ बनाया और मौसमी फल मूली सिंघाड़ा गन्ना नारियल दूध आदि पूजन सामग्री के साथ छठ घाटों पर पहुंचे जहां ढलते हुए सूर्य की उपासना कर व्रती महिलाओं ने संतान की रक्षा और परिवार की सुख शांति के लिए भगवान सूर्य देव और छठी मैया से प्रार्थना की


*प्रशासन की रही चौकस ब्यवस्था*

छठ पूजा के अवसर पर इस बार कोरोना के मद्देनजर जिला प्रशासन नगर निगम एवं पुलिस प्रशासन बेहद सख्त रहा और छठ घाटों का बार-बार मुआयना करता रहा। प्रशासन ने इस बार भीड़ उमड़ने के कारण सोशल डिस्टेंस ना बिगड़े इसके लिए पूजा करने वाले एक ब्यक्ति के पीछे पांच लोगों को ही छठ घाट पर जाने की ब्यवस्था कर रखी थी।बैढन कोतवाली के कोतवाल अरुण पांडे बैढन के सभी  छठ घाटों पर मुआयना करते देखे गए जहाँ उन्होंने घाटों पर जाकर सभी ड्यूटी पर लगाये गए जवानों को उचित प्रबंध व चाक चौबंद ब्यवस्था बनाये रखने हेतु जवानों को निर्देश दिया।


विंध्य नगर थाना प्रभारी राघवेंद्र द्विवेदी, कोतवाली प्रभारी अरूण पांडेय,मोरवा निरिक्षक मनीष त्रिपाठी पूरे दिन घाटों का निरीक्षण किया यहां तक कि कोई दुर्घटना न हो इस हेतु तालाबों में लगे एसडीआरएफ की लगी नावों पर लगे पुलिसकर्मियों को स्पेशल सलाह दी  और कहा कि कोई हादसा न हो इस हेतु आप सब मुस्तैद रहें।


 

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