*देशमुख के इस्तीफे के बाद बोली बीजेपी*- *उद्धव को CM बने रहने का नैतिक अधिकार नहीं बीजेपी ने उद्धव ठाकरे पर निशाना साधा*

 

*देशमुख के इस्तीफे के बाद बोली बीजेपी*- *उद्धव को CM बने रहने का नैतिक अधिकार नहीं बीजेपी ने उद्धव ठाकरे पर निशाना साधा*


*भारत की आवाज न्यूज़ नेटवर्क*


*विमल कुमार कुशवाहा//रेनू मिश्रा//रविकांत पनिका*


केंद्रीय मंत्री रविशंकर प्रसाद (Ravi Shankar Prasad) ने कहा है कि उद्धव ठाकरे सीएम पद पर बने रहने का नैतिक अधिकार खो चुके हैं. उन्होंने कहा कि दिलचस्प है कि अनिल देशमुख ने नैतिक जिम्मेदारी लेते हुए इस्तीफा दिया लेकिन सीएम की नैतिकता का क्या?



*मुंबई*. भ्रष्टाचार के आरोपों को लेकर महाराष्ट्र के गृह मंत्री अनिल देशमुख (Anil Deshmukh) के इस्तीफे के बाद बीजेपी ने सीएम उद्धव ठाकरे (CM Uddhav Thackarey) पर निशाना साधा है. केंद्रीय मंत्री रविशंकर प्रसाद (Ravi Shankar Prasad) ने कहा है कि उद्धव ठाकरे सीएम पद पर बने रहने का नैतिक अधिकार खो चुके हैं. उन्होंने कहा, 'दिलचस्प है कि अनिल देशमुख ने नैतिक जिम्मेदारी लेते हुए इस्तीफा दिया लेकिन सीएम की नैतिकता का क्या?'


इससे पहले देशमुख ने मुख्यमंत्री को दिए अपने इस्तीफे में कहा है कि बॉम्बे हाईकोर्ट के आदेश के बाद उनका गृह मंत्री के पद पर बने रहना उचित नहीं है इसलिए वह अपना इस्तीफा सौंप रहे हैं. बता दें कि कुछ देर पहले ही बॉम्बे हाईकोर्ट ने CBI को मुंबई के पूर्व पुलिस आयुक्त परमबीर सिंह द्वारा महाराष्ट्र के गृह मंत्री अनिल देशमुख के खिलाफ लगाए गए भ्रष्टाचार के आरोपों की 15 दिनों के भीतर प्रारंभिक जांच शुरू करने के लिए कहा है.


*दिलीप वलसे पाटिल हो सकते हैं नए गृहमंत्री*

 


सूत्रों के मुताबिक दिलीप वलसे पाटिल नए गृहमंत्री हो सकते हैं. वलसे शरद पवार के काफी करीब हैं. वहीं देशमुख के पास एक्साइज डिपार्टमेंट भी था. सूत्रों के मुताबिक यह विभाग अजित पवार के पास जा सकता है. वहीं जयंत पाटिल, छगन भुजबल, राजेश टोपे का नाम भी नए गृहमंत्री के तौर पर आगे चल रहा है.


'दूध का दूध, पानी का पानी' करने की मांग

पिछले हफ्ते अनिल देशमुख ने सीएम उद्धव ठाकरे से जांच की मांग की थी. बीते बुधवार-गुरुवार दरम्यानी रात एक ट्वीट में देशमुख ने कहा कि अगर जांच के आदेश होते हैं तो वह इसका स्वागत करेंगे. देशमुख ने लिखा था, 'परमबीर सिंह द्वारा मुझ पर लगाए गए आरापों की जांच करवाकर 'दूध का दूध, पानी का पानी' करने कि मांग मैंने माननीय मुख्यमंत्री महोदय से की थी. अगर वो जांच के आदेश देते हैं तो मै उसका स्वागत करूंगा.'

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