7 अगस्त 2021 की तारीख भारतीय ओलंपिक के इतिहास में स्वर्णिम दिन साबित हुई।
भारत के नीरज चोपड़ा ने एथलेटिक्स में भारत को पहला मेडल दिला दिया।
भारत की आवाज:' इंडिया~नीरज ने अपने जैवलिन को 87.58 मीटर दूर फेंककर, भारत की झोली में टोक्यो ओलंपिक का पहला गोल्ड मेडल दिला दिया।
इस जीत के बाद पूरा देश नीरज को बधाईयां दे रहा है। इसी लिस्ट में अब टोक्यो में ब्रॉन्ज मेडल विजेता हॉकी टीम के कप्तान मनप्रीत सिंह का नाम भी शामिल हो गया है।
मेडल जीतकर जब नीरज खेल गांव पहुंचे, तो उनका जोरदार स्वागत हुआ। पूरी भारतीय टीम ने उनका जोरदार तालियों के साथ स्वागत किया। मनप्रीत की कप्तानी में भारतीय मेंस हॉकी टीम ने 41 साल बाद ओलंपिक पदक हासिल किया है।
मनप्रीत ने नीरज की तारीफ करते हुए कहा, 'आज पूरे देश में नीरज भाई का नाम चल रहा है, और ये डिजर्व भी करते हैं, क्योंकि इन्होंने काफी मेहनत की है। हमें इनपर गर्व है, इन्होंने पूरे देश का नाम रौशन किया है। और यहां जितने भी खिलाड़ी हैं मैं सभी बधाई देना चाहता हूं कि आपलोग बहुत बढ़िया खेले हैं। जितने भी स्टाफ हैं, सबने बहुत ज्यादा हेल्प की हमारी। हम आने वाले खेलों में भी ऐसे ही मेडल जीतेंगे और अपने देश का नाम रौशन करेंगे।' बता दें कि मनप्रीत सिंह की कप्तानी में भारतीय हॉकी टीम ने कांस्य पदक जीता है। ओलंपिक खेलों में भारतीय हॉकी टीम का यह 12 वां मेडल है। पूरी दुनिया में सबसे ज्यादा।
भारत के गोल्डन बॉय नीरज चोपड़ा ने इस जीत को भारत के महान एथलीट मिल्खा सिंह को समर्पित किया है, जिनका हाल में निधन हुआ था। मिल्खा सिंह की अंतिम इच्छा यही थी कि मैं जीते जी, भारत को एथलेटिक्स में मेडल जीतता देख सकूं, लेकिन दुर्भाग्यवश ऐसा नहीं हो सका। मिल्खा सिंह ने 1960 के रोम ओलंपिक में पदक से चूक गए थे। वे चौथे स्थान पर रहे थे। 1984 के लॉस एंजिल्स ओलंपिक में पी टी उषा भी मेडल से चूक गईं थीं। उषा भी चौथे स्थान पर ही रही थीं। 2004 के एथेंस ओलंपिक में भारत की अंजू बॉबी जॉर्ज ने पांचवा स्थान प्राप्त किया था। लेकिन आज इन सभी का ओलंपिक मेडल जीतने का सपना तब सच हो गया जब, नीरज चोपड़ा ने ओलंपिक में सोना जीत लिया।
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