वे पटरी हुई सुरक्षा व्यवस्था इंदिरा मार्केट शॉपिंग सेंटर बना नशेड़ियों के अय्याशी का अड्डा साथ ही प्राथमिक पाठशाला भी बना अय्याशी का अड्डा।
भारत की आवाज़ डिजिटल डेस्क ।।जयंत।। एनसीएल का परियोजना केंद्रीय कर्मशाला इंदिरा मार्केट आवासीय परिसर जहां पर 650 क्वार्टरों की की संख्या मौजूदा समय में है।
चारों और बाउंड्री वाल भी है कॉलोनी में आने जाने के लिए 2 मेन गेट एक सकरी पुलिया गेट एक यूनियन बैंक गेट मौजूदा समय में चालू है परिसर के अंदर लगभग चार रास्ते आवागमन के चल रहे हैं इतने छोटे से एरिया में परियोजना की सुरक्षा विभाग भी मुस्तैद नजर नहीं आ रही हैं।
बात आज हम सुरक्षा विभाग को लेकर करेंगे आपको बता दें केंद्रीय कर्मशाला का आवासीय परिसर इंदिरा मार्केट शॉपिंग सेंटर जहां पर सुबह से लेकर रात को 11:00 बजे तक लोगों का आवागमन रहता है इसके बावजूद कहीं ना कहीं परियोजना के सुरक्षा विभाग के सुरक्षा की जिम्मेदारी निभा रहे अधिकारियों की लापरवाही के वजह से इंदिरा मार्केट आज नशेड़ियों का चारागाह बन गया हैं और यह हम नहीं कह रहे हैं इंद्र मार्केट शॉपिंग सेंटर से जो तस्वीर सामने आई है वह तस्वीर बयां कर रही हैं।
जिस प्रकार से इंदिरा मार्केट के अंदर नशेड़ियों के द्वारा शराब की बोतलें सहित प्रतिबंधित कफ सिरप की बोतलें भी इंदिरा मार्केट शॉपिंग सेंटर के बीच में पाई जा रही हैं।
साफ जाहिर होता है कि सुरक्षा विभाग मुस्तैदी से अपनी जिम्मेदारी को नहीं निभा पा रहा सुरक्षा विभाग जैसे महत्वपूर्ण जिम्मेदार विभाग इतना लापरवाह कैसे हो सकता है स्थानीय लोगों से बात करने पर बताया कि यहां पर शाम को बड़ के पेड़ के नीचे कभी कभी लोफर लोग आते हैं शराब पीते हैं तरह-तरह के नशे का सेवन करते हैं उसके बाद सी सी बोतल यहीं पर फेंक कर चले जाते हैं।
*इंदिरा मार्केट का शासकीय प्राथमिक पाठशाला बना असामाजिक तत्वों के अय्याशी का अड्डा*
अब आगे चलते हैं जहां पर लोगों को ज्ञान की बातें सिखाई जाती हैं जहां से लोग निकलकर बड़े बड़े अधिकारी इंजीनियर डॉक्टर बनते हैं उस मंदिर के बारे में जी हां केंद्रीय कर्मशाला इंदिरा मार्केट शिव मंदिर के पीछे प्राथमिक पाठशाला शासकीय प्राथमिक पाठशाला मौजूद है जहां कक्षा 1 से लेकर 5 तक के बच्चों को पढ़ाया जाता है शिव मंदिर के पास मौजूद कॉलोनी के रहवासियों ने बताया कि शाम होने के बाद अंधेरा हो जाने पर असामाजिक तत्व यहां पर आते हैं और कई तरह के लोग आते हैं।
अंधेरे का फायदा उठाकर यहां पर गलत काम होता है और इसके बाद लोग अपने अपने रास्ते चले जाते हैं सिंगरौली मिरर टीम जब ज्यादा जानकारी लेने के लिए स्थानीय लोगों से बातचीत किया गया तो उनका कहना है कि शिव मंदिर के पीछे में स्टेट लाइट की व्यवस्था अगर स्कूल के और कर दी जाए तो स्कूल में उजाला हो जाएगा जिससे असामाजिक तत्व आना यहां पर छोड़ देंगे स्कूल में पिछले कई वर्षों से अंधेरा रहता है
जिससे कारण असामाजिक तत्वों का का अड्डा बन गया है शाम होते ही अंधेरा हो जाने के बाद लोग आते हैं असामाजिक तत्व आते हैं गलत चीजें होती हैं और चले जाते हैं
कईयों वर्षों से स्कूल के बगल में जो दीवार टूटा हुआ था उसको सिंगरौली मिरर समाचार के माध्यम से एन.सी.एल सी.एम.डी साहब को जानकारी दी गई थी जिसके बाद सी.एम.डी साहब ने तत्काल परियोजना को कह कर उस दीवार को बंद करवाया था जिसके बाद असामाजिक तत्वों का आवागमन बंद हो गया था जिससे एक बात तो पता चलता है कि एनसीएल के सीएमडी साहब परियोजना से जुड़े जनहित मुद्दों को लेकर एक्टिव रहते हैं और उस पर तत्काल कार्यवाही कर आते हैं लेकिन परियोजना के जिम्मेदार अपनी जिम्मेदारी को निभा नहीं पा रहे परियोजना के जिम्मेदारों को अपने एनसीएल के मुखिया से कुछ सीखने की आवश्यकता है इन्हें सीखना चाहिए कि जनहित से जुड़े मुद्दे पर कैसे कार्य किया जाता है।
एक स्टेट लाइट ना होने की वजह से शासकीय प्राथमिक पाठशाला बना अय्याशी का अड्डा क्या परियोजना के पास एक स्ट्रीट लाइट लगाने का भी नहीं है पैसा।
स्कूल कैंपस में प्रबंधक की ओर से अगर दो लाइट की व्यवस्था कर दी जाए तो यहां पर भी असामाजिक तत्वों का आना बंद हो जाएगा क्या प्रबंधक के पास दो लाइट लगाने की व्यवस्था नहीं है या प्रबंधक के पास स्कूल को प्रकाश देने के लिए लाईट नहीं फिलहाल जो भी कुछ है सामने है एनसीएल जैसे परियोजना में अगर विद्यालय में प्रकाश व्यवस्था कराने के लिए केंद्रीय कर्मशाला प्रबंधन सक्षम नहीं है तो वहां के जिम्मेदार ट्रेड यूनियन भी इस काम को करा सकते हैं अखबार के माध्यम से खबर के माध्यम से हम परियोजना प्रबंधन और वहां के जिम्मेदार को कहना चाहते हैं की स्कूल विद्या का मंदिर है उसे विद्या का मंदिर रहने दिया जाए अगर प्रबंधन के पास लाइट लगाने का पैसा नहीं है तो वहां की यूनियन अपने व्यवस्था से प्रकाश की व्यवस्था करवाएं जिसे विद्या के मंदिर को असामाजिक तत्वों से छुटकारा मिल सके अगर उसके बावजूद भी प्रकाश की व्यवस्था नहीं हो पाती है तो इतने छोटे से काम को सिंगरौली मिरर समाचार की टीम आगे बढ़कर कराने का काम करेगी।
इस मुद्दे पर जब परियोजना के सुरक्षा अधिकारी से फोन पर बात करना चाहा लेकिन उनका भी फोन नहीं लगा इस मामले पर यूनियन नेताओं की ओर से भी कोई प्रतिक्रिया नहीं आई हैं।
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